व्यक्ति जो भी खाता है, वह हमारे शारीर में जाकर ऊर्जा में बदलता है और यह काम चयापचय या मेटाबॉलिज्म (Metabolism) करता है। दूसरे शब्दों में कहें तो मेटाबॉलिज्म एक ऐसी शारीरिक प्रक्रिया है, जिसके जरिए ही शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है, और यही ऊर्जा हमरे रोजमर्रा के कार्यों में खर्च होती है. डॉक्टरों का कहना है कि मानव शरीर को दिनभर के काम के लिए, भोजन पचाने के लिए, ब्लड सर्कुलेशन से लेकर हार्मोनल संतुलन जैसे अन्य जरूरी कार्यों के लिए पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा चाहिए, जो कि उसे भोजन से मिलती है । खास बात यह है कि हर मनुष्य के शरीर की बनावट के हिसाब से उसे ऊर्जा की आवश्यकता होती है और यह ऊर्जा मेटाबॉलिज्म की क्रिया से उसे मिलती है ।
शरीर की मेटाबॉलिक दर यह बताती है कि एक दिन में कितनी ऊर्जा की हमरे शरीर को जरूरत होती है. अगर शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक नहीं रहेगा तो मांसपेशियों में सुस्ती, रूखी त्वचा, कमजोरी, थकान, वजन बढ़ना, जोड़ों में सूजन आदि की समस्याएं पैदा होंगी । इसलिए स्वस्थ वजन और बीमारियों को लड़ने और उनको दूर रखने के लिए मेटाबॉलिज्म को बनाए रखना बेहद जरूरी है ।
आज कल लोगों ने अपनी जीवनशैली में कुछ ऐसी आदतें शुमार कर ली हैं, जो कि मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती हैं और जिससे उनकी सेहत पर खतरा मंडराने लगता है । यहां ऐसी जीवनशैली से जुड़ी कुछ गलतियां जानिए जो लोग आमतौर पर करते हैं ।
पर्याप्त पानी नहीं पीना : पर्याप्त मात्र में पानी नहीं पीने से मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ता है । इसलिए थोडी –थोड़ी देर में दिनभर पानी पीते रहें और ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जिसमें प्राकृतिक रूप से पानी हो जैसे तरबूज, अमरुद,सेव इत्यादि ।
कैलोरी कम करना : लोगों के बीच यह सोच आम बात है कि वजन कम करना है तो कैलोरी में कटौती की जाए । इसलिए वजन कम करने के चक्कर में लोग पर्याप्त मात्रा में नहीं खाते हैं जिससे मेटाबॉलिज्म धीरे काम करने लगता है । कम कैलोरी शरीर के लिए मुश्किल खड़ी कम करती है । बेहतर होगा कि वजन कम करने के लिए कोई व्यवहारिक योजना बनाएं या फिर किसी विशेषज्ञ की मदद लें या ब्यायाम करें ।
मीठे पेय का ज्यादा सेवन करना : मीठे पेय स्वाद में तो बहुत अच्छे लगते हैं लेकिन मेटाबॉलिज्म की दर को प्रभावित करते हैं । शर्करा युक्त पेय में फ्रुक्टोज होता है जो मेटाबॉलिज्म की दर को कम कर सकता है और वजन बढ़ा सकता है । शोध से पता चला है कि फ्रुक्टोज युक्त पेय पदार्थों का अधिक सेवन मेटाबॉलिज्म की दर को कम तो करता ही है, साथ ही साथ पेट और लिवर में वसा के जमाव को बढ़ावा देता है ।
कम प्रोटीन वाला आहार लेना : प्रोटीन से भरपूर भोजन करना सेहत के लिए बेहद जरूरी है । एक्सपर्ट्स के अनुसार प्रोटीन त्वचा, मांसपेशियों, एंजाइम और हार्मोन्स, शरीर के ऊतकों के लिए बेहद जरूरी होता है । इसके सेवन में कमी, हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म पर भी असर डालती है । प्रोटीन युक्त आहार पेट को भरा हुआ महसूस कराता है और स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है । प्रोटीन से भरपूर आहार मेटाबॉलिज्म दर को बनाए रखने और फिट रखने में मदद कर सकता है।
शारीरिक गतिविधि कम करना: अधिकांश लोग घंटों बैठकर काम करते हैं । बिना किसी शारीरिक गतिविधि के लगातार बैठना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है । उसमें भी इस जीवनशैली के साथ कई लोग व्यायाम को प्राथमिकता नहीं देते हैं । यह गलती मेटाबॉलिज्म और समग्र स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है । शारीरिक व्यायाम से इसकी भरपाई जरूरी है । इसलिए कम के बिच बिच में थोड़ा वाक कर ले और खाना खाने के बाद थोड़ी देर जरूर टहले ।
नींद की कमी : प्रसिद्ध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, पर्याप्त नींद न लेने से मेटाबॉलिज्म की दर प्रभावित हो सकती है, जिससे वजन बढ़ सकता है । इसलिए 7 – 8 घंटे की अच्छी नींद इसके दर को बनाए रखने में मदद कर सकती है । इसलिए पर्याप्त मात्रा में जरूर सोना चाहिए।