हमारे आस-पास ऐसी बहुत सी चीजें है जो हमारे वात, पित्त और कफ तीनों को नियंत्रित करती है। इन्हें हमें नियंत्रित करने के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं हैं, ये सारी चीजें हमारे घर में ही उपलब्ध है। जिन्हें हम “मसाले” कहते है, दरअसल ये औषधि ही है। ये सभी मसाले हमारे रसोई में आसानी से उपलब्ध हैं। ये सभी मसाले चिकित्सा के लिए उपयोग किए जाते रहे है। पुराने समय में हमारी दादी और नानी, जिन्होंने अपनी पोतियों को सब्ज़ी में मसालों (औषधियों) का उपयोग करना सिखाया की कितना जीरा या कितनी हींग डालनी है। इन मसालों की बहुत लम्बी फेहरिस्त है।
हर रोज हमारे शरीर में वात, पित्त और कफ की मात्रा सम और विषम होती रहती है। जिस समय जो बढ़ा रहता है, उस समय वो औषधि उस सब्ज़ी में डाली जाती है जिससे की उसे कण्ट्रोल किया जा सके, जैसे की दोपहर की सब्ज़ी में अजवाइन जरूर डाली जाती है और रात की सब्ज़ी में नहीं डाली जाती है। क्यों की अजवाइन पित्त नासक होता है और दोपहर के समय हमारे शरीर का पित्त बढ़ता है जो की अजवाइन के उपयोग से नियंत्रित होता है। इसीलिए दोपहर को दही और मट्ठे में अजवाइन डाली जाती है। अजवाइन का उपयोग ज्यादातर पंजाब मे रहने वाली माताओ के द्वारा भोजन मे अवश्य किया जाता है।
भारतीय महिलाएं जो कर रही हैं वो किसी डॉक्टर से कम नहीं हैं। बस अंतर इतना हैं कि हम डॉक्टर को सलाह देने के लिए पैसे देते हैं और दादी नानी मुफ्त में ये सलाह दे रही हैं की धनिया खाओ, जीरा खाओ, अजवाइन खाओ आपके पेट के गैस की समस्या समाप्त हो जाएगी। हमारे देश में हजारो सालो पहले से महिलाएं अजवाइन का प्रयोग करती चली आ रही हैं।
अजवायन के फायदे-
• अजवायन वात, पित्त और कफ़ को संतुलित करने के लिए बहुत उपयोगी हैं।
• पुरे मध्य भारत मे अजवायन का उपयोग भोजन को पचाने और पेट में गैस को बनने से रोकने में होता हैं।
• ठण्ड मे मौसम मे अजवायन की थोड़ी मात्रा गुण के साथ लेने से ठंढ ने आराम मिलाता हैं।
• साथ ही ठंढ के मौसम के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी पेय पदार्थो जैसे चाय मे इसका प्रयोग किया जाता हैं।
• कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु काढ़े मे इसका प्रयोग अन्य द्रव्यों के साथ किया जाता हैं।
अगर आप सब्ज़ी में अजवाइन नहीं डालते हैं तो खाना खाने के बाद थोडी सी अजवायन जरूर लें। अगर इसका स्वाद आप को अच्छा नहीं लगता है तो आप इसे काले नमक के साथ ले सकते हैं। देखते ही देखते दो से तीन दिन में आपकी गैस की समस्या समाप्त हो जाएगी। आयुर्वेदाचार्य कहते हैं की हमारे घर में घी के बाद अजवाइन ही सबसे अच्छी पित्त नासक हैं। तो आज से इसका उपयोग सुरु करे और परिवर्तन देखे।
स्वस्थ रहे, अपना ध्यान रखें।
मिलते है अगले पोस्ट में ।