डायबिटीज (मधुमेह) मेलेटस, जिसे आमतौर पर मधुमेह के रूप में जाना जाता है, एक उपापचय रोग है जो उच्च रक्त शर्करा का कारण बनता है। आज के समय में तो डायबिटीज होना बहुत ही आम बात है। रक्त में उच्च शर्करा का स्तर रहने के कारण बार-बार पेशाब लगना, प्यास लगने और भूख में वृद्धि होना की समस्या होने लगती है। डायबिटीज में व्यक्ति का अग्न्याशय (Pancreas) पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या आपका शरीर प्रभावी रूप से इंसुलिन का उपयोग नहीं करता है। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो रोगी को अनेक तरह की बीमारियां होने की संभावना बनी रहती है। रक्त में उच्च शर्करा का स्तर रहने के कारण आपकी नसों, आंखों, गुर्दे, और अन्य अंगों को नुकसान हो सकता है।
मधुमेह के कुछ प्रकार : (Few Different Types of Diabetes in Hindi)
1. टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटो इम्यून बीमारी है। प्रतिरक्षा प्रणाली अग्न्याशय में कोशिकाओं पर हमला करती है और नष्ट कर देती है, जहां इंसुलिन बनता है। लगभग 10 प्रतिशत मधुमेह वाले लोग इस प्रकार के होते हैं।
2. टाइप 2 डायबिटीज तब होता है जब आपका शरीर इंसुलिन के लिए प्रतिरोधी हो जाता है, और आपके रक्त में शर्करा का निर्माण होता है।
3. प्रीडायबिटीज तब होता है जब आपकी रक्त शर्करा सामान्य से अधिक होती है, लेकिन यह टाइप 2 मधुमेह के होने के लिए पर्याप नहीं है ।
4. गर्भावधि मधुमेह, गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्त शर्करा (high blood sugar) का होना है। नाल द्वारा निर्मित इंसुलिन- ब्लॉकिंग हार्मोन इस प्रकार के मधुमेह का कारण बनता है।
मधुमेह के लक्षण (Symptoms of diabetes)
डायबिटीज के लक्षण ब्लड में शुगर की मात्र बढ़ने के कारण उत्पन्न होती हैं।
सामान्य लक्षण (General symptoms)
मधुमेह के सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं:
- भूख का बढ़ जाना
- प्यास का बढ़ जाना
- वजन का घटना
- लगातार पेशाब आना
- धुंधली नज़र
- अत्यधिक थकान
- घाव जो ठीक नहीं होते
महिलाओं में लक्षण (Symptoms in Women)
डायबिटीज (मधुमेह) से पीड़ित महिलाओं में मूत्र मार्ग में संक्रमण, यीस्ट संक्रमण और सूखी, खुजली वाली त्वचा जैसे लक्षण भी उत्पन्न हो सकते हैं।
पुरुषों में लक्षण (Symptoms in Men)
डायबिटीज (मधुमेह) के सामान्य लक्षणों के अलावा, मधुमेह वाले पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी), सेक्स ड्राइव में कमी, और मांसपेशियों की ताकत में कमी हो सकती है।
टाइप 1 डायबिटीज लक्षण (Type 1 Diabetes symptoms)
टाइप 1 मधुमेह के लक्षणों में निम्न कारण शामिल हो सकते हैं:
- अत्यधिक भूख महसूस होना
- प्यास का बढ़ जाना
- अनजाने में वजन कम होना
- लगातार पेशाब आना
- धुंधली नज़र
- थकान महसूस होना
- इससे मूड परिवर्तन भी हो सकता है।
मधुमेह प्रकार 2 लक्षण (Type 2 Diabetes symptoms)
टाइप 2 मधुमेह के लक्षणों में निम्न कारण शामिल हो सकते हैं:
- भूख का बढ़ जाना
- प्यास का बढ़ जाना
- पेशाब में वृद्धि या बार बार पेसाब आना
- धुंधली नज़र का होना
- थकान महसूस होना]
- घावों को ठीक करने के लिए धीमी गति से
- क्योंकि उच्च रक्त शर्करा (high blood sugar) का स्तर शरीर को ठीक करने के लिए कठिन बनाता है।
गर्भावधि मधुमेह लक्षण (Gestational Diabetes symptoms)
गर्भावधि मधुमेह से पीड़ित अधिकांश महिलाओं में कोई लक्षण नहीं होते हैं। आमतौर पर रक्त शर्करा के परीक्षण routine blood sugar test) या मौखिक ग्लूकोज सहिष्णुता परीक्षण (oral glucose tolerance test) के दौरान इस स्थिति का पता लगाया जाता है। जो आमतौर पर महिलाओं के 24 वें और 28 वें सप्ताह के गर्भ के बीच किया जाता है।
मधुमेह के कारण (Causes of Diabetes)
हर प्रकार के मधुमेह अलग-अलग कारण से जुड़े हैं।
1. टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes)
डॉक्टरों को अब तक इसका वास्तविक रूप से पता नहीं है कि टाइप 1 डायबिटीज के कारण क्या हैं। किसी कारण से, प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system ) गलती से अग्न्याशय(pancreas) में इंसुलिन उत्पादक बीटा कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। जिससे शारीर में इन्सुलिन का उत्पादन नहुत ही ऍम हो जाता है ।
कुछ लोगों में जीन की भूमिका हो सकती है। यह भी संभव है कि किसी एक प्रकार का वायरस शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली को बंद कर दे।
2. मधुमेह प्रकार 2 (Type 2 Diabetes)
टाइप 2 (डायबिटीज ) मधुमेह आनुवांशिकी और ख़राब जीवन शैली कारकों के संयोजन से पैदा होता है। अधिक वजन या मोटापे के कारण आपका इसके प्रति जोखिम भी बढ़ जाता है। अतिरिक्त वजन , विशेष रूप से आपके पेट पर, ये आपकी शरीर की कोशिकाओं को आपके ब्लड शुगर पर इंसुलिन के प्रभाव के प्रति कम संवेदनशील बना देती है।
यह टाइप 2 (डायबिटीज ) कंडीशन परिवारों में आनुवांशिकी चलती है। परिवार के सदस्य जीन साझा करते हैं जिससे उन्हें टाइप 2 मधुमेह होने और अधिक वजन होने की संभावना होती है।
3. गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes)
महिलाओ में गर्भावधि मधुमेह गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तनों का परिणाम है। नाल हार्मोन का उत्पादन करता है जो एक गर्भवती महिला की कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रभाव के प्रति कम संवेदनशील बनाती है। यह गर्भावस्था के दौरान रक्त में उच्च शर्करा का कारण बन सकता है।
मधुमेह होने के कारक (Diabetes risk factors)
निचे बताये गए कुछ कारक मधुमेह होने के जोखिम को बढ़ाते हैं।
1. टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes)
यदि आप एक बच्चे या किशोर हैं, तो आपके पास टाइप 1 मधुमेह होने की संभावना है, इसका कारण आपके पास माता-पिता या भाई-बहन हैं जिनमे ये बीमारी पहले से है , या आप इस बीमारी से जुड़े कुछ जीन अपने साथ ले जाते हैं।
2. मधुमेह प्रकार 2 (Type 2 Diabetes)
टाइप 2 डायबिटीज आप में होने का जोखिम बढ़ जाता है यदि आप:
- प्रीडायबिटीज है।
- अधिक वजन वाले हैं।
- आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं है।
- उम्र 45 या उससे अधिक है।
- माता-पिता या भाई-बहन में ये बीमारी है ।
- गर्भावधि मधुमेह हुआ हो।
- आपको उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, या उच्च ट्राइग्लिसराइड्स है।
3. गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes)
गर्भावधि मधुमेह आप में होने का जोखिम बढ़ जाता है यदि आप:
- 9 पाउंड से अधिक वजन वाले बच्चे को जन्म दिया है ।
- टाइप 2 मधुमेह का पारिवारिक इतिहास रहा हो ।
- अधिक वजन वाले हैं ।
- 25 वर्ष से अधिक आयु के हैं ।
- पिछली गर्भावस्था के दौरान गर्भकालीन मधुमेह था ।
- पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस) है ।
डायबिटीज (मधुमेह) के मरीज क्या खाएं (What Foods to be Eaten in Diabetes in Hindi)
मधुमेह या शुगर के मरीज को फल या दूसरे खाद्द पदार्थ हमेशा सोच समझकर खाना चाहिए। नहीं तो मधुमेह के मरीज का शुगर हाई हो जायेगा, जो जानलेवा साबित हो सकता है। शुगर के मरीज को उन्ही फल या दूसरे खाद्द पदार्थ का सेवन करना चाहिए जिनका ग्लायसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) या GI कम हो ।
डायबिटीज का पता चलते ही मरीज तुरंत शुगर की आयुर्वेदिक या एलोपैथी दवाओ का सेवन करना शुरू कर देते हैं, जबकि ऐसा करने से पहले उन्हें सबसे अपने दैनिक खानपान पर ध्यान देना चाहिए. चलिये जानते हैं कि मधुमेह के मरीजों को क्या- क्या खाना चाहिए :
- आड़ू (Peach) के फल में काफी जरुरी पोषक तत्व होते है और इसमें अल्प मात्रा में शर्करा होती है, और इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है इसलिए शुगर के रोगी को इसका सेवन करना चाहिए।
- केला बहुत ही मीठा होता है लेकिन उसका ग्लायसेमिक इंडेक्स बहुत ही कम होता है, और केले में कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है। डायबिटीज के रोगी एक केला पूरा न खाकर एक बार में आधे केले का सेवन करें।
- जामुन फल भी डायबिटीज के रोगी के लिए लाभदायक है। यह ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है।
- स्ट्राबेरी में भी काफी पोसक तत्व पाए जाते है जो डायबिटीज के रोगी के लिए लाभदायक है। और यह ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है।
- शुगर के पेशेंट को प्रतिदिन एक या आधा सेब खाना चाहिए। सेब में प्रचुर मात्रा में एन्टीऑक्सिडेंट होते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है तथा पाचन क्रिया को अच्छा बनाता है।
- शुगर पेरेंट को अपने भोजन में दालचीनी का उपयोग करना चाहिए जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है ।
- शुगर पेरेंट को नियमित मेथी का उपयोग करना चाहिए जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है।
- अमरुद डायबिटीज के रोगी के लिए बहुत फायदेमन्द है। इसमें विटामिन सी , विटामिन ए तथा अच्छी मात्रा में डायटरी फाइबर dietry fibre होता है। इसमें शर्करा की अल्प मात्रा होती है।
- नाशपती के फल में अच्छी मात्रा में डायटरी फाइबर होता है। यह डायबिटीज में सेवन करने के लिए योग्य फल है।
डायबिटीज या शुगर के मरीज क्या ना खाएं (What Food to be Avoided in Diabetes in Hindi)
डायबिटीज या शुगर के मरीजों के लिए खानपान में परहेज रखना सबसे ज्यादा ज़रुरी है। उचित परहेज और डेली व्यायाम की मदद से आप काफी हद तक डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं। आइये जानते हैं शुगर के मरीजों को किन चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए।
- कुछ फलों में शर्करा की उच्च मात्रा होने के कारण इन फलों को डायबिटीज के रोगियों को नहीं खाना चाहिए। जैसे- आम, अंगूर, चेरी, अनानास, केला, सूखे मेवे और मीठे फलों का जूस, मिठाइयाँ भी नहीं लेना चाहिए।
- अंगूर का ग्लायसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) ज्यादा होइता है , एक छोटे अंगूर में भी लगभग एक ग्राम कार्बोहाइड्रेड होता है। इसलिए डायबिटीज के रोगी को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- अंगूर के समान चेरी में एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है अत: इसको ज्यादा मात्रा में नहीं खाना चाहिए।
- पके अनानास में शर्करा का उच्च स्तर होता है इसलिए यह फल डायबिटीज के रोगी को नहीं खाना चाहिए या अल्प मात्रा में कभी कबार लेना चाहिए।
- पके हुए आम में औसतन 25-30 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। यह रक्त में शर्करा के स्तर को बढ़ाता है। इसलिए इसके सेवन से परहेज करें।
- सूखे मेवों का भी अधिक सेवन न करें। खासकर किशमिश या बाजार में उपलब्ध शुगर कैंडी या चॉकलेट युक्त सूखे मेवों का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए।
- डायबिटीज के रोगी को मीठे फलों के जूस का सेवन भी नहीं करना चाहिए। जब तक शरीर में हाइपरग्लाइसीमिया की स्थिति न हो डायबिटीज के रोगी को जूस नहीं लेना चाहिए। जूस की जगह फल का सेवन करना ज्यदा फायदेमंद है ।
- डायबिटीज के रोगी को मीठे दुध का सेवन नही करना चाहिए । शुगर पेशेंट को ढूढ़ को तिन से चार बार उबल कर, ठण्डा कर उसका मलाई निकल ले उसके बाद थोड़ी मात्र में दुध का सेवन करना चाहिए ।
मधुमेह या शुगर पेशेंट के लिए आहार चार्ट (Diabetes Diet Chart for sugar patients in Hindi)
आज भारत में 4.5 करोड़ व्यक्ति डायबिटीज (मधुमेह) का शिकार हैं। इसका मुख्य कारण है असंयमित खानपान, मोटापा , मानसिक तनाव, व्यायाम की कमी। इसी कारण यह रोग हमारे देश में बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। मधुमेह या शुगर को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहले अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव लाना बहुत जरूरी होता है। नहीं तो शुगर को कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो जाता है। डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर होता है। इसमें हम जो भी खाते है वह ग्लूकोज में बदलकर खून के द्वारा पूरे शरीर में फैल जाता है। इसके बाद हमारे शरीर के इंसूलिन हॉर्मोन, ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलता है जिससे हमारे शरीर को ताकत मिलती है। डायबिटीज होने के कारण शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसूलिन नहीं बनता या फिर शरीर सही से इंसूलिन का उपयोग नहीं कर पाता ।इसलिए शरीर शर्करा, स्टार्च व अन्य भोजन को ऊर्जा में बदल नहीं पाता ।
इसलिए हर आदमी का खानपान उसके रक्त शर्करा के स्तर, दिनचर्या, व्यायाम की आदतें और शरीरिक संरचना पर निर्भर करता है। डायबिटीज के रोगी के भोजन में 20 प्रतिशत प्रोटीन , 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट व 20 प्रतिशत वसा होना चाहिए। दिनभर में 1500-1800 कैलोरी अवश्य लेनी चाहिए। इस दौरान रोजाना मौसमी फल व सब्जियाँ जरुर खानी चाहिए। मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए विशेषकर रेड मीट का सेवन नहीं करना चाहिए।
बेहतर होगा कि आप नीचे बताई गई मधुमेह आहार तालिका का पालन करें।
डायबिटीज रोगी की आहार तालिका: (Food Chart of Diabetes Patients)
- सुबह उठकर एक गिलास पानी में आधा चम्मच मेथी पाउडर डालकर पिएँ या फिर रात में जौ या मेथी दाना को रात में पानी में भिगाकर रख दें और सुबह इस पानी को छानकर पियें।
- एक घंटे बाद शुगर फ्री चाय और हल्के मीठा वाला 2-3 बिस्कुट ले सकते है।
- नाश्ते में बिना मलाई वाला दूध और एक कटोरी अंकुरित अनाज या एक से दो कटोरी दलिया और ब्राउन ब्रेड।
- दोपहर के भोजन से पहले एक अमरुद, सेब, संतरा या पपीता खाएँ।
- दो रोटी, एक छोटी कटोरी पसिया निकला चावल, कटोरी सादी दाल, एक कटोरी सब्जी, एक दही तथा आधा कप हरी पत्तेदार भाजी , एक प्लेट सलाद खाएँ।
- शाम के नाश्ते में बिना चीनी के ग्रीन टी और हल्के मीठे बिस्कुट या कोई बेक्ड स्नैक्स ले सकते है।
- रात के भोजन में दो रोटी और एक कटोरी सब्जी खाएँ। या दोपहर वाली भोजन को सामिल करे
- सोने से पहले एक गिलास बिना शक्कर का मलाई रहित गर्म दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी डालकर पिएँ।
डायबिटीज में ध्यान देने वाली बातें (Points to be remember in Diabetes in Hindi)
अगर आप मधुमेह के मरीज हैं तो इस बात का ध्यान रखें थोड़े-थोड़े अंतराल में भोजन करें एक साथ भोजन ना करे, क्योंकि एक साथ बहुत सारा खाना खाने से रक्त में शुगर का स्तर बहुत तेजी से बढ़ता है। इसलिए दिनभर के भोजन को पाँच हिस्सों में बाँट लें तथा हर बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन करें।
- मधुमेह रोगी अपने भोजन में रेशेदार पदार्थों का सेवन ज्यादा करें। इससे रक्त में ग्लूकोज का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है और रक्त में ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित रहती है। जैसे- छिलके सहित पूरी तरह से बनी हुई गेहूँ की रोटी, जई (oats) आदि
- गेहूँ और जौ को बराबर मात्र में लेकर एक किलो चने के साथ पीस लें। रोटी बनाने के लिए इस चोकर सहित आटे का प्रयोग उत्तम रहता है ।
- सब्जियों में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, , बीन्स, शिमला मिर्च, शलगम, बैंगन, टिंडा, चौलाई, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, बोकली, टमाटर, काला चना , बंदगोभी, सोयाबीन बड़ी और हरी पत्तेदार सब्जियाँ आहार में शामिल करें। एवं इनसे बने सूप का भी सेवन करें।
- ग्रीन टी का सेवन डायबिटीज के रोगी के लिए बहुत लाभदायक है। इसमें मौजूद एंटिऑक्सिडेंट व्यक्ति को स्वस्थ रखते है। ग्रीन टी हो या काली चाय दोनों का ही सेवन बिना दूध और चीनी के करना चाहिए।
- भोजन आहार तालिका के अनुसार दिए हुए निर्धारित समय पर ही करें तथा निश्चित मात्रा में करें।
- इससे बचें : गुड़, शक्कर, शहद, मिठाइयाँ, मेवे।
- जब-जब भूख सताए तो कच्ची सब्जियाँ, सलाद, काली चाय, सूप, पतली छाछ, नींबू पानी आदि का उपयोग करें ।
डायबिटीज नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली (Lifestyle to Control Diabetes in Hindi)
डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान के साथ-साथ अपने जीवनशैली पर भी विशेष ध्यान व बदलाव लाना चाहिए । खराब जीवनशैली अपनाने से शुगर की समस्या और बढ़ सकती है।
तो आइये जानते हैं कि मधुमेह के मरीजों को कैसी जीवनशैली अपनानी चाहिए:
- रोजाना सुबह आधा घंटा ज़रूर टहलें।
- प्रतिदिन सुबह और शाम को कुछ देर व्यायाम करें।
- प्रतिदिन योग एवं प्राणायाम करें।
- तनावमुक्त जीवन जिएं।
- शराब और धूम्रपान से परहेज करें।
- मीठी चीजो को ना कहे ।
मधुमेह में लाभदायक योग और आसन (Yoga for diabetes in Hindi)
मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए आप ये योगासन अपने रूटीन में शामिल करें । यक़ीन मानिए ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का सबसे इफेक्टिव और ईज़ी तरीका है योग ।
योगासन :
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सर्वांगासन
सर्वांगासन के भी कई लाभ होते हैं। डायबिटीज़ में फ़ायदेमंद यह आसन वस्तुतः थायरॉइड ग्रंथि का कामकाज दुरुस्त करता है। थायरॉइड की ग्रंथियां पूरे शरीर की ऐक्टिविटीज़ सही रखती हैं। इस आसन से पाचन तंत्र, नर्वस सिस्टम और ब्रीदिंग सिस्टम अच्छा रहता हैं। यह स्पाइन को भी मज़बूत करता है.
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मत्स्यासन
हर आसन की तरह मत्स्यासन के भी कई लाभ होते हैं। यह योग दमे के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है| यह शुद्ध रक्त का निर्माण तथा संचार करता है। मधुमेह के रोगियों के लिए यह आसान बहुत फायदेमंद है| इसके अभ्यास से स्त्रियों के मासिक धर्म संबंधी रोग दूर होते हैं। मत्स्यासन योग के नियमित अभ्यास से छाती और पेट के रोग दूर होते हैं। इस योग के पाचन तंत्र सुधरता है| यह कब्ज दूर कर भूख बढ़ाता है तथा भोजन आसानी से पचता है और पेट की गैस दूर करता है।
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नौकासन
यह आसन उन लोगो के लिए बढ़िया है, जो अपने पेट के क्षेत्र में अतिरिक्त चर्बी को दूर करने से साथ- साथ एब्स को टोन करना चाहते है। शुरुवात में थोड़ा मुश्किल आ सकती है, लेकिन अधिक अभ्यास के साथ आप इसमें बेहतर होते जाएंगे ।
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उत्तानपादासन
उत्तानापादासन एक पारंपरिक योग मुद्रा है जो जांघों, पेट, पिंडलियों और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों मे खिचाव पैदा करता है। यह पाचन बीमारियों में मदद करता है, जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है।
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हलासन
यह योग आसन को डायबिटीज़ के लिए इसलिए अनुकूल माना गया है, क्योंकि यह लंबे समय तक कुर्सी पर बैठने वालों के लिए फ़ायदेमंद है. यानी पोस्चर संबंधी समस्या के लिए यह वरदान है. यह आसन गले की ग्रंथि, फेफड़ों और दूसरे अंगों को उत्तेजित करता है, जिससे पूरे शरीर में रक्त संचार तेज़ी से होता है।
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सेतुबन्धासन
यह आसन डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए बहुत फ़ायदेमंद है । यह न स़िर्फ ब्लडप्रेशर कंट्रोल करता है, बल्कि मन को शांति और सुकून देता है। इसे नियमित करने से पाचनतंत्र तंदुरुस्त रहता है. गर्दन और रीढ़ की स्ट्रेचिंग के साथ-साथ यह आसन पीरियड में आराम दिलाता है।
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प्राणायाम
गहरी श्वास लेने और छोड़ने से रक्त संचार दुरुस्त रहता है। इससे शरीर के नर्वस सिस्टम को आराम मिलता है, जिससे दिमाग़ शांत रहता है। इसलिए हर किसी को सुबह दैनिक क्रिया से निवृत होने के बाद पद्मासन मुद्रा में बैठकर प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है।
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चक्रासन
चक्रासन योग में शरीर का आकार चक्र अर्थात पहिए के समान होने के कारण इसे Wheel Pose भी कहा जाता हैं। इसे उर्ध्व धनुरासन भी कहा जाता हैं।यह मेरुदंड को लचिला बनाकर शरीर को वृद्धावस्था से दूर रखता है। शरीर में शक्ति और स्फूर्ति बनी रहती है। यह रीढ़, कंधे, कमर, पीठ, पेट सभी को स्वस्थ बनाए रखकर शक्ति प्रदान करता है।
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पश्चिमोत्तासन
यह आसन डायबिटीज़ और ब्लडप्रेशर के लिए बहुत कारगर माना जाता है। इसमें शरीर को आगे की ओर मोड़ा जाता है, जिससे रक्त संचार चेहरे की तरफ़ होता है। यह आसन जांघ के टिश्यूज़ के साथ पीठ और बांह के टिश्यूज़ को मज़बूत करता है। इसे करने से पेट संबंधी विकार ख़त्म हो जाते हैं ।
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ब्ज्रासान
ब्ज्रासान बेहद सरल आसन है जो डायबिटीज़ के मरीज़ों को ज़रूर आज़माना चाहिए । इससे मन शांत और पाचन तंत्र ठीक रहता है। इससे स्पाइन की हड्डियों और शरीर के निचले हिस्से का मसाज हो जाता है, इस कारण यह बहुत अच्छे नतीजे देता है।
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बालासन
यह आसन डायबिटीज़ के लिए बहुत कारगर माना जाता है यह आसन बच्चों की मुद्रा नाम से भी जाना जाता है। इससे सारा तनाव और थकान दूर हो जाती है. यह स्पाइन, जंघा और टखनों की स्ट्रेचिंग करता है। इससे तनाव और थकान से राहत मिलती है व लोअर बैक पेन में भी यह सहायक है।
मधुमेह से होने वाले कुछ जटिल रोग (Diabetes complications)
उच्च रक्त शर्करा हमरे शरीर में अंगों और ऊतकों को बहुत नुकसान पहुंचाता है। आपका ब्लड में शुगर की मात्रा जितना अधिक होगा और जितनी देर आप उसके साथ रहेंगे, इससे होने वाले रोगों व जटिलताओं के लिए आपका जोखिम उतना ही अधिक होगा।
मधुमेह से होने वाले रोग में प्रमुखत: शामिल हैं:
- दिल की बीमारी, दिल का दौरा और स्ट्रोक
- न्युरोपटी
- नेफ्रोपैथी
- रेटिनोपैथी और दृष्टि हानि
- बहरापन
- पैर की क्षति जैसे संक्रमण और घाव जो ठीक नहीं होते हैं
- बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण जैसे त्वचा की स्थिति
- डिप्रेशन
- पागलपन
सावधानी : शुगर होने पर रोगी को किसी चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए एवं अगर आप पहली बार योग कर रहे हैं, तो प्रशिक्षक की निगरानी में ही करें या उनके परामर्स के बाद ही करें।